मित्रों नमस्कार आज के इस लेख में हम ऐसे ब्लड डोनर के बारे में बताने वाले हैं जिनका ब्लड डोनेट की सीमा नही है बल्कि जब तक जीवन रहेगा तब तक दूसरों की जिंदगी के लिए ब्लड डोनेट करेंगे. मित्रों इस कोरोनकाल मे जब मानव समाज के लिए एक विपदा की घड़ी आयी है और सारी दुनिया इस कोरोना से लड़ रही है. इस संकट की घड़ी में कमलेश टण्डन जैसे ब्लड डोनर हमारी आपकी जिंदगी में खुशहाली लाने के लिए जिंदगी को खुशियों भरा लम्हा गिफ्ट करने के लिए नम हुए आंखों में खुशियों की बारिश के लिए इस बड़ी संकट काल मे भी पूरी जिम्मेदार नागरिक के रूप में हर जरूरतमंद लोगों को जीवनदान के लिए हमेशा आगे रहते हैं, ऐसे ही हमारे ब्लड डोनर कमलेश टण्डन जी. चलिये आज हम इनकी स्टोरी जानते है जैसे कि ब्लड डोनेशन की प्रेरणा कहाँ से मिली और आगे भविष्य में क्या है लक्ष्य .
परिचय
कमलेश टण्डन जी जो एक O+ ब्लड डोनर है इनका जन्म 10/10/2001 को हुआ, इनका गांव डूड़िया है जो छत्तीसगढ़ प्रदेश के बालोद जिले में आता है. इनकी शिक्षा गांव में हि लगभग क्लास 2-3 तक हुई. इनके पिता जी NMDC में जॉब करते हैं, इनके पिता जी ट्रांसफर दंतेवाड़ा जिले में होने के बाद से कमलेश टण्डन जी अपने पिता जी के साथ दन्तेवाड़ा चले गए औऱ आगे कक्षा की शिक्षा दन्तेवाड़ा जिले में ही रहकर प्राप्त किये, वर्तमान में वे अभी आईटीआई कर रहे हैं.

फर्स्ट टाइम ब्लड डोनेट
इनके आईटीआई कॉलेज में जब एक बार रक्तदान शिविर का किया गया था जिसमे वो उस दिन कॉलेज नही आ पाए थे,इस शिविर में जिन्होंने ने अपनी ब्लड डोनेट किये थे उन ब्लड को ब्लड बैंक में रखा गया. फिर बाद में कॉल आया कि किसी इंसान को अर्जेंट ब्लड की जरूरत है तो कमलेश जी अपने रक्तदान शिविर में आये औऱ अपने शिक्षकों को भी बता दिए थे कि जब भी किसी को ब्लड की जरूरत होगी तो मैं अपना ब्लड डोनेट करूँगा करके ,और जब एक मरीज को 2019 में Blood की जरूरत पड़ी तो वह पहली बार एक दादी समान महिला को अपना ब्लड डोनेट किए,और उस दादी समान महिला की जिंदगी को खुशियों से भरा उपहार दिया.

दूसरी बार ब्लड डोनेट कोरोनकाल में बचाई जिंदगी
दूसरों की जिंदगी बचाने कमलेश टंडन ने किया दूसरी बार रक्तदान
पूरे देश में इन दिनों कोरोना वायरस की महामारी फैली हुई हैं। इस महामारी से बचने के लिए लोग सुरक्षित शारीरिक दूरी का पालन कर रहे हैं। वहीं कमलेश टंडन ने जरूरतमंद मरीजों के लिए अपना O+ ब्लड ग्रुप दूसरी बार रक्तदान कर समाजसेवा के क्षेत्र में आगे आ रहे हैं। कमलेश जी दूसरी बार रक्तदान कोरोनकाल में 2020 में अगस्त माह में किये| दूसरी बार ब्लड डोनेट किये अपनी बहन की दोस्त की मम्मी को. कोरोना से जहां एक तरफ पूरी दुनिया व देश थमा हुआ है। ऐसे माहौल में अपोलो हॉस्पिटल बचेली में एडमिट एक अनजान महिला के लिए कमलेश टंडन ने रक्तदान कर जीवन रक्षा किया।
जरूरतमंदों की जान बचाने के लिए युवा आगे आ रहे हैं। रक्तदान को जनअभियान बनाने के उद्देश्य से युवा लगातर रक्तदान कर मानवता का फर्ज अदा कर रहे है। इस रक्तदान के नेक व पुण्य कार्य करने पर छात्र युवा मंच बालोद जिले के जिला मंत्री यशवंत कुमार टंडन और टंडन परिवार के सदस्यों कमलेश टंडन को बधाई दी और निरंतर नेक कार्य करने के लिए प्रेरित किया।
शरीर मे जीवन जान जब तक रहेगी तब तक ब्लड डोनेट करूँगा
कमलेश टण्डन जी का कोई सीमित संख्या में ब्लड डोनेट करना नही है बल्कि उनके शरीर मे जब जान रहेगी तब तक ब्लड डोनेट करते रहने का लक्ष्य है यानी कि जीवन की अंतिम सांस चलने तक औरों की जिंदगी में खुशहाली की उपहार के लिए ब्लड डोनेट करते रहेंगे. कमलेश टण्डन जी की यह लक्ष्य अतुलनीय है और वे कर्मठ व्यक्ति हैं.
कमलेश टंडन ने बताया रक्तदान या अन्य कार्य कोई दिखावा नही होता य समाज के जागरूकता के दिया स्टेटस, फेसबुक सोशल मीडियाआदि उपयोग करना चाहिए किसी को रक्त की आवश्यकता होती है तो पहले परिवार को प्राथमिकता फिर दोस्त अंतिम में न मिले तो रक्तदान समूह के पास आना चाहिए.
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