गांव के छोटे से क्रिकेट टीम ने दिया कोरोना के लिए 150 0 रुपये दान
मित्रों! नमस्कार आज हम एक ऐसे गांव के क्रिकेटर की कहानी के बारे जानने वाले हैं जिनकी छोटी सी टीम ने कोरोना से लड़ने के लिए 1500 रुपये दान में दिये, यह दान जरुर आपको छोटी लग रही होगी लेकिन दान तो दान होता है और वो गांव के छोटे से टीम ने संकटकाल में यह दान लोगों के इलाज के लिए दिया यह महत्वपूर्ण योगदान है.
आज हम जिस क्रीकेट टीम के बारे में जानने वाले हैं उससे पहले यह जान लेते हैं इस महत्वपूर्ण योगदान में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका किसने निभाई है, और उनके द्वारा ही टीम की ओर से यह राशि दान के रूप संकटकाल में लोगों की जीवन की रक्षा ल लिए गया.

कुलेश्वर साहू जी जो ग्राम-जेवरतला ,ब्लॉक-लोहरा ,जिला-बालोद(छ. ग.) के निवासी है और अभी वर्तमान में छत्र है और बीएससी बॉयोटेक्नोलॉजी फाइनल ईयर के स्टूडेंट हैं. कुलेश्वर साहू जी अपने ग्राम में 12 वी तक शिक्षा प्राप्त किये कक्षा 6 वी से क्रिकेट गांव में ही अपने दोस्तों के साथ खेलना शुरू किया साथ ही साथ उनके स्कूल से भी एक शिक्षक जो उनको क्रिकेट के लिए गाइड करते थे 6वी कक्षा से 9वी कक्षा यानि कि 3 सालों में कुलेश्वर जी और उनकी टीम ने इतनी अच्छी क्रिकेट खेलना सिख गए कि कक्षा 9वी में ही स्कूल से ब्लॉकस्तरीय क्रिकेट टूर्नामेंट में चयन हुआ और ब्लॉक स्तरीय क्रिकेट टूर्नामेंट में जीत कर की और फिर जिले में क्रिकेट टूर्नामेंट के लिए चयन हुआ लेकिन जिलास्तरीय क्रिकेट टूर्नामेंट में क्रिकेट खेलने के लिए नही जा पाए क्योंकि उसी समय उनके शिक्षक जो उन्हें क्रिकेट के लिए गाइड करते थे उनका ट्रांसफर किसी अन्य स्कूल में होने से कुलेश्वर जी और इनकी क्रिकेट टीम थोड़े भावुक हो गए. इसके बाद केवल वे ग्रामीण क्षेत्र में ही क्रिकेट टूर्नामेंट में गये और बाहर क्रिकेट खेलने के लिए नही गए क्योंकि एक के बाद एक सभी शिक्षकों का स्कूल से ट्रांसफर हो गया. और फिर क्रिकेट टीम केवल ग्रामीण इलाकों में ही टूर्नामेंट में खेलने गए और बहुत से मौकों पर जीत दर्ज की गई.
युगांतर कॉलेज में क्रिकेट टूर्नामेंट में भाग लिए
कक्षा 11वीं में युगांतर कॉलेज राजनांदगांव में क्रिकेट टूर्नामेंट किया गया था जहां पर 11वी और 12 वी कक्षा के छात्र स्कूल की ओर से क्रिकेट खेलने गए थे परंतु वहां पर हार का सामना करना पड़ा था उस समय स्कूल से सभी शिक्षक जो क्रिकेट के लिए गाइड करते थे उनका ट्रांसफर हो जाने से युगांतर कॉलेज में अच्छा प्रदर्शन नही कर पाए लेकिन उन्होंने इस हार में भी मन से नही हारे क्योंकि इतने बड़े कॉलेज में जाकर कुछ नया सीखने को मिला.

गांव में बड़ी क्रिकेट टीम से जुड़े
12 वी की शिक्षा प्राप्ति के बाद कॉलेज की पढ़ाई के लिए राजनांदगांव में दिग्विजय कॉलेज में बीएससी बायोटेक्नोलॉजी में प्रवेश लिए और अभी वर्तमान 2020 में फाइनल ईयर में हैं. गांव में 12 वी कक्षा के बाद बड़ी क्रिकेट टीम से जुड़ गए और उन्हीं टीम के साथ गांव में ही अपने दोस्तों के साथ क्रिकेट का अभ्यास करते रहे और ग्रामीण स्तरीय क्रिकेट टूर्नामेंट में जाते रहते हैं वर्तमान में और जीत भी दर्ज कर आते हैं.
फाइनल में पहला स्थान जीत दर्ज किये
अभी 2020 में ग्रामीण स्तरीय क्रिकेट टूर्नामेंट में कोरोना के लॉकडाउन के पहले एक फाइनल मैच में प्रथम स्थान पर जीत दर्ज किए.
कोरोना मरीजों के इलाज के लिए 1500 रु.दान
कुलेश्वर जी की गांव की एक छोटी सी क्रिकेट टीम ने राष्ट्र सेवा को चरितार्थ करते हुए कोरोना संकट में प्रधानमंत्री राहत कोष में 1500 रुपये दान किये जो देशप्रेम और राष्ट्र सेवा के लिए गया.
जीत की राशि का उपयोग गांव के मैदान के विकास के लिए
कुलेश्वर जी की उनकी गांव की टीम जब भी जीत दर्ज करती है तो अपनी जीत की राशि को गांव में खेल के मैदान के मरम्मत और खेल मैदान में खेल प्रेमियों के लिए भीम पोल आदि लगाने के लिए करते हैं. इस तरह से एक छोटे से गांव की क्रिकेट टीम अपनी जीत की राशि का उपयोग राष्ट्र और गांव की सेवा के लिए कर रहे हैं.
इस तरह से कुलेश्वर जी अपनी टीम के साथ अब आगे भी क्रिकेट से जुड़े रहते हुए ग्रामीण स्तरीय टूर्नामेंट के अलावा भी अब जिले स्तर, राज्य स्तर और भी बड़े स्तर पर क्रिकेट टूर्नामेंट में भाग लेकर अच्छे अंको से जीत दर्ज कर देश और गांव की सेवा के लिए कार्य करना चाहते हैं और गांव का नाम रोशन करने का संकल्प लेकर चल रहे हैं.
तो आप सभी को कैसी लगी कुलेश्वर जी की कहानी आप जरूर कमेंट करके बताएं औऱ अपनी राय भी साझा करें.