मनीष रात्रे, धनेली, रायपुर
19 बार कर चुके हैं ब्लड डोनेट,कोरोनकाल का युवा साथी ब्लड डोनेट कर कैंसर से बचाया मरीज की जान
हर साल 3 बार ब्लड डोनेट करते हैं, 100 बार करने का लक्ष्य है ब्लड डोनेट.
नमस्कार मित्रों आप सभी का स्वागत है हमारे इस विशेष लेख पर आज एक ऐसे युवा मित्र के बारे में जानने वाले हैं जो अब तक 19 बार अपना रक्तदान कर अनेक लोगों के जीवन मे खुशियों की सौगात दी है.
छत्तीसगढ़ के रायपुर जिले के धलेनी में रहने वाले मनीष कुमार रात्रे जी जिनका जन्म 28/08/1995 है यानि अभी ये 25 वर्ष के हैं औऱ अभी से ही लोगों की जीवन रक्षा करने के लिए 100 बार से भी ज्यादा रकतदान करने का दृढ़-संकल्प ले चुके हैं, और हर 3 – 4 महीने के बाद जरूरत मंदों को अपने शरीर का रक्तदान कर आगे बढ़ रहे हैं.
मनीष जी का जीवन परिचय-
मनीष जी के परिवार में दो भाई और एक बहन थे, कुछ सालों बाद मनीष जी के भाई का देहांत हो गया उस समय वे रायपुर धलेनी में ही कक्षा तीसरी में पढ़ाई कर रहे थे इसके बाद वे धनेली छोड़ भलाई शहर में आ गए और भिलाई में कक्षा 6वी तक पढ़ाई किये फिर भिलाई से अपने मामा जी के पास दन्तेवाड़ा में पढ़ाई किये.
उसके बाद वे धलेनी रायपुर में वापस आ गए और यहीं 12 वी तक की पढ़ाई किये और 12 वी के बाद कंप्यूटर की डिप्लोमा किये औऱ अभी वर्तमान में सीएससी (CSC) चॉइस सेंटर चलाते हैं.

ब्लड डोनेट की प्रेरणा-
मनीष जी की ब्लड डोनेट करने की प्रेरणा कहाँ से मिली इसके बारे में बात करें तो एक बहुत ही अच्छी बात है कि मनीष जी खुद से ही अपने मन मे ये सोच लिए थे कि हम अपना रकतदान करके दूसरों की जान बचा सकते हैं, रक्तदान करके बहुत से लोगों की सेवा कर सकते हैं. मनीष जी का मानना है कि ब्लड किसी मशीन में नही बन सकता है यह केवल मानव शरीर में ही बन सकता है तो हमें हमेशा किसी जरूरत मंदों के लिए ब्लड डोनेट करना चाहिए इससे हमारे शरीर मे और ज्यादा तेजी से भी ब्लड बनने लगता है. और वे ये सोच लिए थे कि जब वे 18 साल के हो जाएंगे तो ब्लड डोनेट अवश्य करेंगे और लोगों की जीवन बचाएंगे.
पहले बार रक्तदान किये—-
मनीष जी जो कि एक B+ ब्लड डोनर है वो जैसे ही 18 साल के हुए तो वो अपना फर्स्ट टाइम ब्लड डोनेट 25 अप्रैल 2014 को रायपुर के नारायणा हॉस्पिटल में किये. अपना ब्लड डोनेशन वो अपने एक मित्र के दादा जी के लिए किए,उनके मित्र जी दादा जी को ब्लड की जरुरत थी मनीष जी ने उनकी जीवन बचायी. इस तरह मनीष जी अपना सबसे पहले ब्लड डोनेशन मित्र के दादा जी के लिए किए औऱ मानव सेवा को चरितार्थ किये.

हड्डी कैंसर मरीज के लिए ब्लड डोनेट—
मनीष जी हर 3-4 महीने के बाद जब भी किसी को ब्लड की जरुरत होती है तो वो उनके जीवन के लिए ब्लड डोनेट करते हैं या फ़िर अपने स्वयं वे ब्लड बैंक में जाकर भी ब्लड डोनेट करते हैं जिससे जब भी किसी को ब्लड की जरूरत हो तो उनको समय पर ब्लड मिल सके.
मनीष जी एक बार हड्डी कैंसर के मरीज की जान बचाने के लिए अपना ब्लड डोनेट किये, हड्डी कैंसर का मरीज का बालाजी हॉस्पिटल रायपुर में भर्ती था तो मनीष जी को जैसे ही पता चला तो वे हॉस्पिटल में पहुंचकर ब्लड डोनेट किये. इस तरह मनीष जी हड्डी कैंसर के पेशेंट की जान बचाई.

स्प्लीन कैंसर पेशेंट के लिए 19 वां बार रक्तदान——-
मनीष जी लोगों की जान बचाने व उनकी जिंदगी में खुशियों की बारिश के लिए हमेशा ततपरता से आगे रहते हैं. इस तरह मनीष अपने दृढ़ संकल्प पर आगे बढ़ते हुए कोरोनाकाल जैसे संकट की घड़ी में वो देवता बनकर 19 वां बार ब्लड डोनेट 28 सितम्बर 2020 को किये.अपना 19 वां बार का ब्लड डोनेशन एक स्प्लीन कैंसर मरीज की जान बचाने के लिए दिए.
स्प्लीन कैंसर के मरीज को तीन ब्लड यूनिट की जरूरत थी तो एक यूनिट पेशेंट के बेटे ने, दूसरा यूनिट मनीष जी ने, तीसरा यूनिट मनीष जी के एक दोस्त ने दिया.
——मनीष जी एक समाज सेवक हैं—–
मनीष जी B+ ब्लड डोनर के साथ- साथ वो एक समाज सेवक भी हैं वो लोगों की सेवा व मदद के लिए हमेशा ततपरता से अग्रणी रहते हैं.
मनीष जी सतनाम जनकल्याण कोष से जुड़कर दुसरों की मदद व सेवा कर रहे हैं सतनाम जनकल्याण कोष में वो अपना सम्पर्क नम्बर भी दे रखे हैं जिससे उनको यह पता चलता है कि किसी को ब्लड की जरूरत है तो वे सयंम जल्दी निकल जाते हैं औऱ उस मरीज की जान बचाकर मानव सेवा परम् सेवा को चरितार्थ करते रहते हैं.
~नशा मुक्ति अभियान~
मनीष जी अनेक ऐसे संस्था स जुड़े हैं जो मानव सेवा के कार्य करते रहते हैं, सतनाम जनकल्याण कोष से जुड़े हैं साथ ही वे प्रगतिशील छत्तीसगढ़ सतनामी समाज के प्रदेश मीडिया प्रभारी भी हैं, इन जैसे समूह से जुड़ कर नशा से होन वाले नुकसान के बारे में युवाओं को लोगों को जागरूक करते रहतें हैं नशा छोड़ने का मन्त्र भी बताते हैं कि नशा को कैसे छोड़कर हम अच्छी जीवन जी सकते हैं, और नशे की चीज के बदले हम कितना कुछ अच्छी चीजें खरीद सकते है अपने परिवार के लिए.
इन समूहों व संस्था से जुड़कर मनीष जी जुड़कर लगातार असहाय लोगों की सेवा कर हैं मदद कर रहे हैं किसी को इलाज के लिए मदद कर रहे हैं जैसे कि किसी को इलाज के बारे में सही जानकारी नही होती है तो मनीष जी की संस्था व खुद मनीष जी उनका मदद करते हैं उनका सही तरीके से ईलाज कराते हैं.
इस तरह मनीष जी लोगों की सेवा कर मानव सेवा परम् सेवा को चरितार्थ कर रहे हैं.

अगर आप भी ऐसे ही जनहित लोककल्याण, जनकल्याण, जनसेवा जैसे संस्था से जुड़े हैं या ब्लड डोनर है तो ऐसे ही कहानी लिखने के लिए हमसे संपर्क करें–
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